सकारात्मक सोच - सफलता का मंत्र
Positive thinking = success
सक्सेस का दृष्टिकोण: सफलता का मंत्र
सकारात्मक(positive) सोच से, Affirmations का उपयोग करके अपने सपनों को सशक्त बना सकते हैं।
एक जीतने की सकारात्मक(positive)सोच अक्सर सक्सेस होने के लिए काम करती है। इस काम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पुराने, नकारात्मक, आत्म-पराजित विचारों को बदलने के लिए अपने बारे में सकारात्मक सोच देना शामिल है। एक बच्चे के रूप में, आप खुशी-खुशी, जो कुछ भी
करते हैं - छूना, चखना,चलना, तलाशना और सीखना सीखते हैं। आप इस बारे में विचार किए बिना थे कि आप क्या कर सकते हैं या नहीं कर सकते, इसलिए आपने कई चीजों की कोशिश की। किसी बड़े व्यक्ति ने निस्संदेह आपको टोंका होगा फिर भी आपने कोशिश की , आपको "अच्छा लड़का!" जैसी सराहना मिली होंगी ।
करते हैं - छूना, चखना,चलना, तलाशना और सीखना सीखते हैं। आप इस बारे में विचार किए बिना थे कि आप क्या कर सकते हैं या नहीं कर सकते, इसलिए आपने कई चीजों की कोशिश की। किसी बड़े व्यक्ति ने निस्संदेह आपको टोंका होगा फिर भी आपने कोशिश की , आपको "अच्छा लड़का!" जैसी सराहना मिली होंगी ।
"क्या होशियार लड़की है!" "नहीं, नहीं - यह बुरा है।" हमने निर्विवाद रूप से इन सभी शब्दों को स्वीकार किया।हम हारे नहीं, हमने सीखना छोड़ा नहीं, ना ही हमारे मन में नकारात्मक(negative) विचार आये। हम वो करते गए जब तक हमें सफलता नहीं मिली। क्योंकि हमने ठान लिया था ये हम कर सकते हैं। यही तो हैं सकारात्मक(positive) सोच !
समय के साथ, जैसे-जैसे हम बार-बार ऐसे शब्द सुनते हैं, हम अपने बारे में विश्वास विकसित करते हैं, और उन्हें एक विश्वास
प्रणाली में व्यवस्थित करना शुरू करते हैं। विभिन्न अनुभव उन्हें सुदृढ़ करते हैं और हम उनके अनुरूप अपने व्यवहार करना शुरू करते हैं। यदि आपको एक हो होशियार बच्चे के रूप में बार-बार प्रशंसा मिली, तो आप विश्वास करने लगे कि आप एक होशियार बच्चे हैं । बड़े होने पर भी आपके युवा दिमाग ने समय के साथ काम किया, यह दिखाने के लिए कि आप कितने होशियार हैं , और आगे की प्रशंसा पाने के लिए नए तरीके लेकर आते हैं।आपका दृष्टिकोण सकारात्मक होता जाता हैं, आपकी सोच सकारात्मक (positive)हो जाती हैं और आपके कदम सफलता कि ओर बढ़ते हैं।
प्रणाली में व्यवस्थित करना शुरू करते हैं। विभिन्न अनुभव उन्हें सुदृढ़ करते हैं और हम उनके अनुरूप अपने व्यवहार करना शुरू करते हैं। यदि आपको एक हो होशियार बच्चे के रूप में बार-बार प्रशंसा मिली, तो आप विश्वास करने लगे कि आप एक होशियार बच्चे हैं । बड़े होने पर भी आपके युवा दिमाग ने समय के साथ काम किया, यह दिखाने के लिए कि आप कितने होशियार हैं , और आगे की प्रशंसा पाने के लिए नए तरीके लेकर आते हैं।आपका दृष्टिकोण सकारात्मक होता जाता हैं, आपकी सोच सकारात्मक (positive)हो जाती हैं और आपके कदम सफलता कि ओर बढ़ते हैं।
जल्द ही आपके दिमाग में इसके बारे में कोई सवाल नहीं था। आप शायद अपने आप को एक होशियार, उज्ज्वल बच्चे के रूप में सोचते हैं। इस तरह से आत्मविश्वास का गठन होता हैं और इसे आत्मसात किया जाता है। एक बच्चे के रूप में, खुद के बारे में हमारा आत्मविश्वास बहुत हद तक परिस्थितियों और दूसरों के विश्वासों पर निर्भर था। हालांकि, बड़े होने पर हमारे पास अपनी पसंद के आत्मविश्वास को उत्पन्न करने की शक्ति है। हम उन विश्वासों से छुटकारा पा सकते हैं जो हमारा समर्थन नहीं करते हैं। वास्तव में, हमारे सपने को पूरी तरह से जीने के लिए, एक नई विश्वास प्रणाली जो हमें अपना सर्वश्रेष्ठ बनने में सक्षम बनाती है,उसकी आवश्यकता है।
हम जो सोचते है, जो हम हमारे बारे में सुनते हैं, वो ही हम बन जाते हैं। एक जागरूक, सकारात्मक वाक्य आपके चेतन से आपके अवचेतन मन को संदेश देता हैं। यह कुछ ऐसा है जो आप जानते हैं कि यह सच है, भले ही यह आपके जीवन में अभी तक प्रकट नहीं हुआ है। जब अवचेतन मन इस संदेश को प्राप्त करता है और इसके बारे में अवचेतन स्तर पर काम करता है।यही वो समय हैं जब हम अपने आपको क्रिएट कर रहे हैं। अभी ये आप पे निर्भर हैं कि, आपको क्या सोचना हैं? सकारात्मक (positive)या नकारात्मक(negative)? आपकी सफलता, सक्सेस कि पहली सीढी ये ही तो है।
नकारात्मक सोच |
एक प्रभावी सोच मैं(आई), और वर्तमान काल में होनी चाहिए, और सकारात्मक रूप से कहा जाना चाहिए, नकारात्मक रूप से नहीं। इसलिए इसके बजाय, "मैं एक ठंड को सहन नहीं कर पाऊंगा और कल बीमार हो जाऊंगा" (जो आपके दिमाग को बीमारी के विचार पर केंद्रित करेगा), आप कह सकते हैं: "मैं अब गरम महसूस कर रहा हूँ । मेरा शरीर स्वस्थ लग रहा है! "मैं यह डांस कर सकती हूँ ""मैं इस पहाड़ पर चढ़ सकता हूँ। "
अब आपने नकारात्मक (negative)सोच को सकारात्मक(positive), रंगीन छवि से बदल दिया है। चूँकि मन एक समय में केवल एक विचार को पकड़ सकता है, बीमारी का विचार दूर हो जाता है, और आपका अवचेतन मन स्वस्थ विचार को पकड़ लेता है और स्वास्थ्य का निर्माण करता है।
अपनी सकारात्मक(positive) सोच को बरकरार रखने का अभ्यास करें। अपने विचारों
से, अपनी बातो में से नकारात्मक(negative) शब्द निकाल दे और सकारात्मक(positive) शब्दों से बदल दे। धीरे धीरे यही आदत आपका भविष्य उज्जवल कर देगी। यही सफलता का रहस्य हैं।
Very nice
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